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‘Bharat Still Looks ‘Saare Jahan Se Accha’ from Space’shubhanshu-shuklaभारत अंतरिक्ष से अब भी ‘सारे जहाँ से अच्छा’ दिखता है: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का खास सन्देश

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भारतीय अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla ने अंतरिक्ष से लौटने से पहले कहा कि आज भी Bharat space से ‘सारे जहाँ से अच्छा’ दिखता है। यह शब्द हमें याद दिलाते हैं भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री Rakesh Sharma के ऐतिहासिक संवाद की, जिसने करोड़ों भारतीयों का दिल जीता था। शुभांशु शुक्ला का यह सफर Ax-4 mission का हिस्सा था, जो भारत के लिए गर्व का पल है।

CREDIT IMAGE TIMES NOW =bharat still looks ‘saare jahan se accha’ from space’: axiom astronaut shubhanshu shukla tribute to rakesh sharma

Shubhanshu Shukla ने क्यों कहा ‘सारे जहाँ से अच्छा’

ISS (International Space Station) पर 18 दिनों तक रहने के बाद Shubhanshu Shukla ने बताया कि भारत उन्हें अंतरिक्ष से बेहद सुंदर, निडर और आत्मविश्वासी नजर आया। उनकी टीम Ax-4 mission के तहत 26 जून को ISS पहुंची थी और अब 15 जुलाई को वापस लौटेगी। इस mission में कुल चार अंतरिक्ष यात्री थे – Commander Peggy Whitson, Pilot Shubhanshu Shukla, और Mission Specialists Slawosz Uznanski (Poland) और Tibor Kapu (Hungary)।

Ax-4 mission: भारतीय स्पेस प्रोग्राम के लिए क्यों अहम है?

ISRO ने इस Ax-4 mission में लगभग 550 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे भारत के आने वाले मानव अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan के लिए कीमती डेटा और अनुभव मिलेगा। यह मिशन ISRO की gov yojna के तहत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा देगा। Shubhanshu Shukla की इस यात्रा से भारत का नाम अंतरिक्ष की दुनिया में और ऊँचा हुआ है।

अंतरिक्ष में भारतीय संस्कृति की झलक

Ax-4 mission के दौरान Shubhanshu Shukla अपने साथ आम रस और गाजर का हलवा भी ले गए थे। उन्होंने ISS के अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर एक बहुराष्ट्रीय दावत मनाई, जहाँ Poland के साथी ने पारंपरिक pierogi पेश किए। इस पल को Shukla ने magical और यादगार बताया।

भारत का दूसरा अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव

Shubhanshu Shukla भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने, इससे पहले 1984 में Rakesh Sharma ने Salyut-7 मिशन में उड़ान भरी थी। Shukla का ISS पर जाना भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है। उनकी यह यात्रा Gaganyaan जैसे मिशनों के लिए भी प्रेरणा है।

ISS से लौटने के बाद Shubhanshu Shukla की तैयारी

ISRO के मुताबिक, पृथ्वी पर लौटने के बाद Shubhanshu Shukla सात दिनों का रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम करेंगे ताकि वह दोबारा पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुरूप अपने शरीर को ढाल सकें। यह प्रक्रिया flight surgeons की देखरेख में होगी।

निष्कर्ष: भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

Shubhanshu Shukla का संदेश कि भारत अंतरिक्ष से भी सबसे अच्छा दिखता है, नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। इससे यह भी साबित होता है कि भारत के वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री gov yojna और अंतरिक्ष अभियानों के माध्यम से देश को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं। आने वाले समय में Gaganyaan mission भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान की नई शक्ति बनाएगा।


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Manoj kumar Singh

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