CRPF की खेल यात्रा: जीत, जज़्बा और जुनून की कहानी

जब भी हम केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) का नाम सुनते हैं, दिमाग़ में सबसे पहले सुरक्षा, बलिदान और अनुशासन की छवि आती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि CRPF ने खेलों के क्षेत्र में भी वो इतिहास रचा है, जो किसी भी खेल संगठन के लिए गर्व की बात है।

मैंने खुद जब CRPF की खेल यात्रा को गहराई से समझा, तो ये सिर्फ़ पदकों की कहानी नहीं लगी, बल्कि इसमें टीमवर्क, आत्मबल और विज़न की मिसाल दिखी। आइए, इसे मेरी नज़र से करीब से देखते हैं – मैदान के भीतर और बाहर CRPF की जीत की अनसुनी कहानी।


शुरुआत और खेल संस्कृति की नींव

CRPF की शुरुआत 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में हुई, और 1949 में इसे सशस्त्र बल का दर्जा मिला।
लेकिन खेलों को CRPF की संस्कृति में बहुत पहले से ही शामिल कर लिया गया था – “Fight to Win” यानी जीतने की जिद्द के साथ।

मुझे सबसे रोचक यही लगा कि CRPF में खेल सिर्फ़ जीतने का ज़रिया नहीं, बल्कि हर जवान की ज़िंदगी का हिस्सा हैं। नियमित Intra-Mural Games ने हज़ारों जवानों को वो मंच दिया, जहाँ उन्होंने अपनी प्रतिभा दुनिया के सामने रखी।


राष्ट्रीय स्तर पर CRPF की उपलब्धियाँ

1953 में पहली बार CRPF ने All India Police Games में हिस्सा लिया। तब से ये सिलसिला लगातार मज़बूत होता गया।

Athletics, Wrestling, Judo, Shooting, Swimming जैसे खेलों में CRPF ने कई बार चैंपियनशिप अपने नाम की।
मुझे याद है, 2012 के All India Police Games में CRPF ने 26 गोल्ड समेत कुल 82 मेडल जीतकर पहला स्थान हासिल किया।
ये साबित करता है कि अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी टीम राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकती है।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमदार प्रदर्शन

2017 में अमेरिका के लॉस एंजेलेस में आयोजित World Police & Fire Games में CRPF के 19 खिलाड़ियों ने भारत के लिए कुल 79 मेडल जीते:

🥇 31 गोल्ड
🥈 33 सिल्वर
🥉 15 ब्रॉन्ज

सिर्फ इतना ही नहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी CRPF के खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया। Seema ने वेटलिफ्टिंग में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर देश को गर्व से भर दिया।


महिला खिलाड़ियों की ताक़त

CRPF की असली ताक़त उसकी महिला खिलाड़ी भी हैं।

मशहूर वेटलिफ्टर N. Kunjarani Devi को राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री जैसे बड़े सम्मान मिले।
Richa Mishra ने स्वीमिंग में 8 गोल्ड और 2 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा।

महिला खिलाड़ियों की इन कामयाबियों ने संगठन में सिर्फ़ लैंगिक समानता को मज़बूत नहीं किया, बल्कि हज़ारों लड़कियों को खेलों में करियर बनाने की प्रेरणा भी दी।


सम्मान और राष्ट्रीय पुरस्कार

पुरस्कारखिलाड़ीखेलवर्ष
पद्म श्रीGurbachan Singh RandhawaAthletics2005
पद्म श्रीN. Kunjarani DeviWeightlifting2011
खेल रत्नN. Kunjarani DeviWeightlifting1996
अर्जुन पुरस्कारकई खिलाड़ीAthletics, Judo, Shooting आदिविभिन्न वर्षों में

इन पुरस्कारों ने न सिर्फ़ खिलाड़ियों को, बल्कि पूरे CRPF संगठन को गर्व से भर दिया।


खेलों के पीछे की रणनीति

CRPF में आज 36 खेलों की टीमें और 825+ राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं।

NIS क्वालिफाइड कोच, स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ और वैज्ञानिक ट्रेनिंग पद्धतियों की बदौलत CRPF के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचे।
स्पोर्ट्स कोटा, टैलेंट सर्च और ट्रेनिंग सेंटर्स में स्काउटिंग के ज़रिए नए खिलाड़ियों को मौक़ा मिलता है।


संगठन पर पड़ा गहरा असर

खेलों से CRPF को सिर्फ़ मेडल ही नहीं, बल्कि:

  • जवानों का मनोबल बढ़ा, आत्मविश्वास मज़बूत हुआ
  • मानसिक और शारीरिक फिटनेस में सुधार
  • राष्ट्रीय पुरस्कारों से संगठन की छवि को नया मुकाम
  • महिला सशक्तिकरण को नई ऊँचाई
  • खेलों के ज़रिए स्थानीय समुदायों से जुड़ाव और शांति का संदेश

अनुशासन और प्रबंधन का संगम

CRPF का खेल प्रबंधन बेहद व्यवस्थित है –

  • हर खेल के लिए अलग कोच, मेडिकल टीम और स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन
  • आधुनिक सुविधाएँ, ट्रेनिंग सेंटर, फिटनेस, फिजियोथेरेपी
  • हर साल प्रतियोगिताएँ और टैलेंट का नियमित मूल्यांकन

मेरे अनुभव से – असली सीख

जब मैंने इस पूरी यात्रा को करीब से देखा, मुझे महसूस हुआ कि CRPF के लिए खेल सिर्फ़ मेडल लाना नहीं, बल्कि जवानों को अनुशासन, आत्मबल और संतुलन का पाठ पढ़ाना भी है।

इससे भी बढ़कर, ये सफर देश के हर युवा को ये सिखाता है कि अगर मेहनत, तैयारी और टीमवर्क हो, तो कोई भी ऊँचाई मुश्किल नहीं।


निष्कर्ष

CRPF की खेल उपलब्धियाँ व्यक्तिगत जीत से कहीं आगे की कहानी कहती हैं – ये उस संगठन की तस्वीर दिखाती हैं, जिसने सुरक्षा के साथ-साथ मैदान पर भी उतनी ही निष्ठा से कमाल किया। ये हमें याद दिलाती हैं कि असली जीत सिर्फ़ मेडल तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे समाज को मज़बूत करने में है।

Leave a Comment