CRPF Dog Squads: देश की सुरक्षा के चार पैरों वाले सच्चे हीरो

CRPF Dog Squads:

A sniffer dog of Gujarat police’s bomb detection Credit- Getty Images)

भारत में जब भी सुरक्षा बलों की बात होती है, तो ज़्यादातर लोगों के मन में तुरंत CRPF के जवानों की तस्वीर आती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इन बहादुर जवानों के साथ कुछ ऐसे साथी भी हैं, जिनकी वफ़ादारी, ताकत और सूझ‑बूझ से हर मिशन में जीत की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं CRPF Dog Squads की – वो चार पैरों वाले सच्चे हीरो जो बिना बोले, बिना थके और बिना किसी लालच के दिन‑रात देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं। आज इस ब्लॉग में हम इन खास डॉग्स की ट्रेनिंग, कहानियों, उनकी जिंदगी और उनके handlers के साथ रिश्ते की पूरी रियल स्टोरी जानेंगे, ताकि हर इंसान को समझ आ सके कि देश की सुरक्षा सिर्फ इंसानों की मेहनत से नहीं, बल्कि इन silent warriors की वजह से भी मजबूत होती है।

कब और क्यों बनाए गए CRPF Dog Squads?

CRPF Dog Squads की शुरुआत एक simple thought से हुई – “सुरक्षा में technology और इंसानी शक्ति के साथ dogs की natural instincts को भी शामिल किया जाए।” कुत्तों की सूंघने की ताकत इंसानों से हज़ारों गुना बेहतर होती है। इसी वजह से इन्हें खास तौर पर trained किया जाता है – explosives को detect करने के लिए, नक्सल प्रभावित इलाकों में IED ढूंढने के लिए, drug trafficking रोकने के लिए और कई बार search and rescue operations में भी। आज CRPF के पास अलग‑अलग यूनिट्स में दर्जनों trained dogs हैं, जो देश की सीमाओं से लेकर शहरों तक, हर जगह invisible shield की तरह काम करते हैं।

CRPF Dog Squads की ट्रेनिंग:

Indian bomb squad personnel inspect with a sniffer dog . Credit . Getty Images

CRPF Dog Squads सिर्फ पेट्स नहीं हैं। ये highly trained dogs हैं, जिन्हें कई महीनों तक tough ट्रेनिंग दी जाती है। Obedience drills, bomb detection, narcotics detection, search and rescue operations, crowd control और tactical missions के लिए special commands – ये सब इनके training schedule का हिस्सा होता है। इनके trainers और handlers के लिए भी खास ट्रेनिंग होती है, ताकि वो अपने डॉग पार्टनर के इशारे, मूवमेंट और छोटी‑छोटी signals को भी समझ सकें। इस ट्रेनिंग का सबसे खास हिस्सा है emotional bonding – handler और डॉग के बीच इतना strong trust और प्यार बनता है कि वो बिना बोले भी एक‑दूसरे को समझ जाते हैं। यही bonding मुश्किल हालात में भी इनकी performance को extraordinary बना देती है।

Handler और dog का unbreakable bond

CRPF में dog handler और dog सिर्फ master और animal नहीं रहते, बल्कि एक team बन जाते हैं। handler अपने canine partner की छोटी‑छोटी आदतें, moods और signals तक को पहचानता है। कई handlers कहते हैं – “ये सिर्फ dog नहीं, मेरा साथी, दोस्त और family है। जब mission मुश्किल होता है, तब ये मुझे हिम्मत देता है।” यही emotional connect दोनों को mission के दौरान calm और focused रखता है।

असली कहानियाँ: CRPF Dog Squads .

भारत के अलग‑अलग इलाकों में CRPF dogs ने अपनी सूंघने की ताकत, intelligence और loyalty से कई लोगों की जान बचाई है। कुछ कहानियां तो headlines में आईं, लेकिन ज़्यादातर लोग नहीं जानते कि हर दिन कोई न कोई डॉग silently hero बनता है। एक CRPF डॉग ने जम्मू‑कश्मीर में बर्फ़ से ढके इलाके में IED detect किया, जिससे सैकड़ों लोगों की जान बची। किसी ने नक्सल क्षेत्र में patrol के दौरान improvised explosive device ढूंढा, जो जवानों की टुकड़ी को निशाना बनाने वाला था। बाढ़ या भूकंप जैसी natural calamities में भी CRPF dogs ने rubble में दबे survivors को खोज निकाला, जहाँ इंसानों के लिए पहुँच पाना मुश्किल था। इन डॉग्स के बारे में सबसे खास बात ये है कि इन्हें कोई medal या fame की ज़रूरत नहीं होती। इनके लिए सबसे बड़ी जीत है handler की एक प्यार भरी थाप और “good boy” की आवाज़।

CRPF Dog Squads की खासियतें:

CRPF के ये canine warriors सिर्फ trained ही नहीं, naturally gifted भी होते हैं। इनकी sense of smell इंसानों से हज़ारों गुना बेहतर होती है। explosives, drugs या किसी भी unusual चीज़ को तुरंत detect कर लेते हैं। इन्हें गोलियों की आवाज़, धमाके या भीड़ से डर नहीं लगता। ये mission पर handler के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं। डॉग्स का calm और silent तरीका भीड़ में panic नहीं फैलाता, बल्कि quietly और efficiently काम करता है। इसीलिए CRPF Dog Squads critical missions में backbone की तरह काम करते हैं।

An explosives and drug-sniffing police dog investigating luggage.

Uniform के पीछे की असली life

CRPF dogs की भी एक routine life होती है। सुबह‑शाम exercise, handler के साथ walk, playtime और grooming – ये सब उनके रोज़ के schedule का हिस्सा होता है। छुट्टी के दिन handler अपने डॉग को extra time देता है – कहीं खुले मैदान में दौड़ाना, swimming कराना या बस उसे cuddle करना। यही प्यार और attention mission के समय काम आता है। retirement age आने पर, CRPF अपने dogs को adoption के लिए देती है। कई बार handlers ही अपने साथी को घर ले जाते हैं, क्योंकि उनके लिए वो सिर्फ डॉग नहीं, परिवार का हिस्सा बन चुका होता है।

Emotional stories behind farewell

जब कोई CRPF dog retire होता है, handler के लिए वो पल सबसे भावुक होता है। कई handlers की आँखें नम हो जाती हैं – क्योंकि वो जानते हैं कि उनके साथ‑साथ सबसे loyal partner भी अब ड्यूटी छोड़ रहा है। कुछ handlers अपने डॉग के बिना दोबारा काम करना भी नहीं चाहते। यही bond बताता है कि डॉग squad सिर्फ सिस्टम का हिस्सा नहीं, दिल से जुड़ी टीम होती है।

क्यों ज़रूरी है इनकी कहानी सबको बताना?

Malinois dog

CRPF Dog Squads की कहानियाँ सुनकर समझ आता है कि देश की सुरक्षा सिर्फ uniform पहनने वाले जवानों से नहीं, बल्कि उन silent warriors से भी है जो बिना बोले भी बड़ा काम कर जाते हैं। loyalty, discipline, bravery और unconditional love की असली मिसाल यही dogs हैं। इनके बारे में जानकर हर इंसान को teamwork, dedication और honesty की असली कीमत समझ आती है।

CRPF Dog Squads और समाज में awareness

अभी भी बहुत से लोग सोचते हैं कि डॉग सिर्फ pet हैं। लेकिन जब लोग CRPF Dog Squads की stories पढ़ते या सुनते हैं, तब समझ पाते हैं कि trained dogs की वजह से कितनी ज़िंदगियाँ बचती हैं। इसी awareness की वजह से अब कई शहरों में dog training centers खुल रहे हैं, लोग search and rescue dogs को seriously लेने लगे हैं और कई बच्चे भी कहते हैं – “मैं भी बड़ा होकर dog handler बनूंगा।”

निष्कर्ष – salute उन चार पैरों वाले सच्चे हीरो को

CRPF Dog Squads सिर्फ trained animals नहीं, बल्कि देश की invisible security shield हैं। handler के साथ उनका relation भरोसे का सबसे बड़ा example है। चाहे explosives की तलाश हो, disaster rescue या VIP security – ये dogs बिना fame के अपना काम करते हैं। इनकी कहानियाँ सुनकर हमें सिखने को मिलता है कि सच्चा hero वही होता है, जो बिना बोले भी देश के लिए सबसे बड़ा काम कर जाता है। salute to these four‑legged heroes

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