“बोकारो ऑपरेशन में दो नक्सली ढेर, CRPF का एक जवान अमर हुआ”
झारखंड के बोकारो जिले के घने जंगलों में आज सुबह की शुरुआत गोलियों की आवाज़ और वीरता की गूंज के साथ हुई। CRPF की 209 कोबरा बटालियन और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में देश के एक वीर सपूत ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।
सुबह लगभग 5:30 बजे, गोमिया थाना क्षेत्र के ललपनिया के पास बिरहोरडेरा के जंगलों में जब सूरज की किरणें पेड़ों के बीच झलक रही थीं, तभी सुरक्षाबलों को मिली खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए कोबरा बटालियन ने एक ऑपरेशन शुरू किया। उन्हें पता चला था कि इस क्षेत्र में कुछ नक्सली छिपे हुए हैं और बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं।
ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे जवानों ने जंगल को चारों ओर से घेर लिया। लेकिन जैसे ही सुरक्षाबल आगे बढ़े, घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला। मुठभेड़ तेज होती चली गई और करीब दो घंटे चली इस जंग में दो खूंखार नक्सली मार गिराए गए।
लेकिन इस वीरता की कीमत देश को चुकानी पड़ी — CRPF की 209 कोबरा बटालियन के बहादुर जवान प्रानेश्वर कोच गंभीर रूप से घायल हो गए। असम के कोकराझार जिले के निवासी प्रानेश्वर कोच ने अदम्य साहस दिखाते हुए अपने अंतिम समय तक मोर्चा संभाले रखा। बाद में उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनका यह बलिदान न केवल असम बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित कर गया।
प्रानेश्वर कोच की शहादत पर उनके गांव में शोक की लहर है, लेकिन साथ ही गर्व भी है कि उनके बेटे ने मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। उनके साथी जवानों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम सलामी दी और भारत मां के इस सच्चे सपूत को शत-शत नमन किया।
मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से दो नक्सलियों के शव, हथियार और कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं। इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी है ताकि कोई भी नक्सली भाग न सके।
इस मुठभेड़ ने यह सिद्ध कर दिया है कि सुरक्षाबल हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं और देश की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वीर प्रानेश्वर कोच की शहादत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी कि देश सेवा सर्वोच्च धर्म है।
आज पूरा देश झुककर इस वीर बलिदानी को नमन कर रहा है। उनका नाम भारत के उन वीरों में दर्ज हो गया है जिन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर राष्ट्र की रक्षा की।
शहीद प्रानेश्वर कोच को विनम्र श्रद्धांजलि – राष्ट्र आपका सदैव ऋणी रहेगा।
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