पहला सावन सोमवार 2025
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और भक्त पूरे मन से sawan somvar vrat 2025 रखते हैं। इस बार सावन महीने में कुल 4 सोमवार पड़ रहे हैं और पहला Pahla Sawan Somwar 2025 14 जुलाई को पड़ रहा है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और साथ ही पढ़ते हैं भोलेनाथ की कृपा पाने वाली एक अनोखी व्रत कथा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पहला सोमवार का व्रत पड़ रहा है। तिथि की शुरुआत 14 जुलाई 2025 को रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन उसी दिन देर रात 11 बजकर 59 मिनट पर होगा। इसलिए 14 जुलाई को पहला sawan somvar vrat 2025 रखा जाएगा। इस दिन भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर के मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं।
पहले सावन सोमवार को शिव पूजा के लिए पर्याप्त समय रहेगा। भक्त सुबह स्नान कर के साफ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल चढ़ाएँ। पूजा के दौरान “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्” का जाप करें। यह मंत्र विशेष रूप से शिव जी की कृपा पाने के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं।
सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें। बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर शिव जी को अर्पित करें। जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग स्नान कराएं। सफेद फूल, धतूरा और भांग भी चढ़ाएँ। व्रत करने वाली महिलाएँ पूरे दिन उपवास रखती हैं और शाम को व्रत कथा सुनकर फलाहार करती हैं। कुंवारी कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति के लिए, विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए यह व्रत करती हैं।
ये कहानी शिवपुर गाँव की सावित्री की है, जिसकी शादी को कई साल हो चुके थे लेकिन उसकी गोद सूनी थी। साल 2025 में उसने पहला sawan somvar vrat 2025 बड़े श्रद्धा से रखने का संकल्प लिया। सावित्री हर सोमवार को सुबह स्नान कर साफ साड़ी पहनती, शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करती, बेलपत्र, सफेद फूल चढ़ाकर “ॐ नमः शिवाय” का जाप करती। हर सोमवार को मंदिर जाकर सावन सोमवार व्रत कथा सुनती, जिसमें बताया गया था कि सच्चे मन से शिव जी की पूजा करने से संतान सुख मिलता है।
तीसरे सोमवार को सावित्री की तबीयत थोड़ी खराब हो गई लेकिन उसने हार नहीं मानी। हल्का फल खाकर पूजा जारी रखी और शिव जी से सच्चे मन से प्रार्थना की। अंतिम सोमवार की रात उसे सपना आया कि शिव जी मुस्कुराकर कह रहे हैं, “बेटी, तुम्हारी आस्था ने हमें प्रसन्न कर दिया है, चिंता मत कर।” उस सपने के कुछ ही समय बाद उसे पता चला कि वो माँ बनने वाली है। सावित्री की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उसने भोलेनाथ का धन्यवाद किया।
ये sawan somvar vrat katha 2025 हमें सिखाती है कि आस्था और श्रद्धा से किया गया व्रत कभी व्यर्थ नहीं जाता। भोलेनाथ पर विश्वास रखने से जीवन की हर मुश्किल आसान हो जाती है। सच्ची निष्ठा और भक्ति के साथ किया गया sawan somvar vrat 2025 हर मनोकामना को पूरा करता है।
इस साल Pahla Sawan Somwar 2025 14 जुलाई को है, जिसका मुहूर्त और पूजा का समय बहुत शुभ माना गया है। सुबह से रात तक भक्त शिव जी की पूजा करके जलाभिषेक करेंगे और व्रत रखेंगे। आप भी इस सावन में सच्चे मन से sawan somvar vrat 2025 रखें, भोलेनाथ की कृपा पाएं और अपने जीवन को खुशियों से भरें। शिव की भक्ति में शक्ति है – और सावन का सोमवार इसी शक्ति का उत्सव है।
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