दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप
नई दिल्ली: गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने एक बार फिर ज़मीन को हिलते हुए महसूस किया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, सुबह 9:04 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.4 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर ज़िले में, ज़मीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप के झटके नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित कई इलाकों में महसूस किए गए। कुछ सेकंड के लिए इमारतें हिलती हुई महसूस हुईं, जिससे लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
लोगों की जुबानी अनुभव
गुरुग्राम के एक निवासी ने बताया, “कुछ सेकंड के लिए ऐसा लगा जैसे ज़मीन ज़ोर से हिल रही है। हम सब तुरंत बाहर की तरफ भागे।”
वहीं, गुरुग्राम के ही एक अन्य व्यक्ति ने ANI को बताया, “हम लोग चाय पी रहे थे तभी अचानक ज़ोर के झटके महसूस हुए। मैंने सभी को तुरंत बाहर जाने के लिए कहा और सब दौड़ पड़े।”
गाज़ियाबाद के एक व्यक्ति ने साझा किया, “मैं तभी जागा जब झटका महसूस हुआ। डर भी लगा क्योंकि कुछ दिन पहले भी भूकंप आया था। दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, इसलिए सतर्क रहना ज़रूरी है।”
कोई नुकसान की खबर नहीं
अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान या घायल होने की कोई खबर सामने नहीं आई है। हालांकि सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने बताया कि उन्होंने झटके अपेक्षाकृत लंबे समय तक महसूस किए। एक व्यक्ति ने लिखा, “काफ़ी वक्त बाद इतना लंबा दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप महसूस हुआ।” जबकि एक अन्य ने कहा, “भले ही तीव्रता सिर्फ़ 4 थी, लेकिन झटके लंबे थे।”
एक सोशल मीडिया यूज़र ने अपने अनुभव में बताया कि पहले उन्हें लगा शायद पास से कोई विमान गुज़र रहा है, लेकिन कुछ सेकंड में ज़ोर का झटका लगा और कुर्सी तक हिल गई।
हाल में दूसरी बार आया भूकंप
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इससे पहले 17 फरवरी को भी सुबह 5:36 बजे 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र नई दिल्ली से 9 किलोमीटर पूर्व में और गहराई 5 किलोमीटर थी।
दिल्ली का ज़ोन और भूकंप का जोखिम
दिल्ली सीस्मिक ज़ोन IV में आती है, जिसे दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने ‘उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र’ (High Damage Risk Zone) के रूप में वर्गीकृत किया है। यानी यहाँ मध्यम से तीव्र भूकंप की संभावना बनी रहती है।
सावधानी ज़रूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार आती ये भूकंपीय हलचल हमें यह याद दिलाती है कि सतर्कता और सुरक्षा उपायों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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